ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना: महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना: महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, बचावकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. ईरान की रेड क्रिसेंट सोसायटी के प्रमुख ने कहा है कि हालात अच्छे नहीं हैं.

जिस जगह पर ये हादसा हुआ वहां का मौसम बेहद खराब था. इस वजह से बचाव दल को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

तुर्किये ने राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के हेलीकॉप्टर का पता लगाने के लिए अपने ड्रोन भेजे हैं। तुर्की समाचार एजेंसी अनादोलु ने एक जगह पर पता चले गर्मी के स्रोत की तस्वीरें साझा की हैं.

ऊष्मा के स्रोत का अर्थ है किसी स्थान से उठने वाली आग या अत्यधिक गर्मी। जैसे हेलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उससे उठने वाली आग या धुआं।

तुर्किये को मिली यह जानकारी ईरान के साथ साझा की गई है. अनादोलु ने रात में ड्रोन से रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो भी जारी किया है.

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक जगह काला धब्बा नजर आ रहा है.

इस रिपोर्ट में पढ़ें उन सवालों के जवाब जो आपके मन में हो सकते हैं.

पाकिस्तान ने क्या कहा?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, ”माननीय राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर के बारे में ईरान से परेशान करने वाली ख़बर सुनी. बड़ी चिंता के साथ खुशख़बरी का इंतज़ार कर रहा हूं कि सब ठीक है. हमारी दुआएं और शुभकामनाएं माननीय राष्ट्रपति रईसी और पूरे ईरानी राष्ट्र के साथ हैं.”

अमेरिका क्या बोला?

अमेरिका के विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि वो ईरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की रिपोर्टों पर नज़र रखे हुए हैं.

इमेज कैप्शन,आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह ख़ामेनई ने क्या कहा?

अयातोल्लाह ख़ामेनई ने कहा- ईरान का प्रशासन इस हादसे से प्रभावित नहीं होगा. लोग चिंता ना करें, सरकार के काम प्रभावित नहीं होंगे. हादसे के बाद ख़ामेनई ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ आपात बैठक भी की है.

इमेज कैप्शन,उप राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर

रईसी को कुछ हुआ तो आगे क्या होगा?

बीबीसी की चीफ अंतरराष्ट्रीय संवाददाता लुइस डोकेट के मुताबिक़, इब्राहिम रईसी को क्या हुआ है, इस बारे में जानकारी नहीं है. पर अगर रईसी के मारे जाने की जानकारी सामने आती है तो इससे ईरान की विदेश या घरेलू नीतियों पर कम ही असर पड़ने वाला है.

ईरान में सुप्रीम नेता के पास ही सबसे ज़्यादा ताक़त होती है. सुप्रीम नेता ही नीतियों को तय करता है. हालांकि रईसी को ख़ामेनई के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा था.

बीबीसी फ़ारसी सेवा के जियार गोल के मुताबिक़, रईसी को ईरानी गंभीरता से नहीं लेते हैं, इसी कारण 2022 में जब विरोध प्रदर्शन हुए, तो उसमें रईसी के ख़िलाफ़ नारे कम ही सुनाई दिए. प्रदर्शनरकारियों के निशाने पर तब ख़ामेनई रहे थे.

मध्य-पूर्व मामलों के जानकार जेसन के मुताबिक़, अगर रईसी की मौत होती है तो सुप्रीम नेता कुर्सी पर बने रहेंगे. ईरान के संविधान के अनुच्छेद 131 के मुताबिक़, अगर राष्ट्रपति की मौत होती है या वो पद से हटते हैं, ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति (मोहम्मद मुखबर) चुनाव होने तक राष्ट्रपति बन जाएंगे. नया राष्ट्रपति 50 दिनों के अंदर चुना जाना होगा.

इमेज स्रोत,AFP

इब्राहिम रईसी के बारे में कुछ ख़ास बातें क्या हैं?

रईसी का जन्म साल 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के पवित्र शहर मशहद में हुआ था. इसी शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है. वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे.

रईसी के पिता एक मौलवी थे. रईसी जब सिर्फ़ पाँच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था.

वो धार्मिक स्कॉलर, वकील भी रहे हैं.

शिया धर्म गुरुओं के पदानुक्रम में वे धर्मगुरू अयातोल्लाह से एक क्रम नीचे माने जाते हैं.

इब्राहिम रईसी ने जब जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली तब उनके सामने घरेलू स्तर पर कई चुनौतियां थीं.

रईसी के पिता एक मौलवी थे. रईसी जब सिर्फ़ पाँच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था.

रईसी ने अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए 15 साल की उम्र से ही क़ोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी.

सिर्फ़ 20 साल की उम्र में ही उन्हें तेहरान के क़रीब स्थित कराज का महा-अभियोजक नियुक्त कर दिया गया था.

साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महा-अभियोजक रहे और इसके बाद 2004 से अगले एक दशक तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ़ रहे.

साल 2014 में वो ईरान के महाभियोजक बन गए थे. ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार ‘अति कट्टरपंथी’ माने जाते हैं.

रईसी जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे.

 

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