“देह व्यापार के बिना, कोई नौकरी नहीं है। बॉलीवुड चुप क्यों है?” शोभा डे ने मलयालम फिल्म उद्योग पर निशाना साधा

शोभा डे ने मलयालम फिल्म उद्योग पर निशाना साधा

“देह व्यापार के बिना, कोई नौकरी नहीं है। बॉलीवुड चुप क्यों है?” शोभा डे ने मलयालम फिल्म उद्योग पर निशाना साधा

दिल्ली: मलयालम फिल्म उद्योग में हाल ही में एक तूफान आया है। जस्टिस हेमा आयोग की रिपोर्ट जारी होने के बाद, महिला अभिनेत्रियाँ यौन शोषण के खिलाफ़ खुलकर आवाज़ उठा रही हैं। #MeeToo की तरह, अब महिला फ़िल्म अभिनेत्रियाँ मलयालम फ़िल्म उद्योग के काले सच को उजागर कर रही हैं, जिसने कई प्रसिद्ध अभिनेताओं और निर्देशकों को प्रभावित किया है। लेखिका शोभा डे ने इस मुद्दे पर बॉलीवुड की चुप्पी और मलयालम फ़िल्म निर्देशक मोहनलाल के गायब होने की कड़ी आलोचना की है।

ये भी पढ़ें-मलयालम इंडस्ट्री को एक और झटका, इस एक्टर पर यौन उत्पीड़न का मामला हुआ दर्ज

अब तक करीब एक दर्जन से ज्यादा एक्टरों, डायरेक्टरों और प्रड्यूसरों को रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा है. मोहनलाल ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स (AMMA) के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. लेखिका शोभा डे ने इस कायरता के लिए मोहनलाल को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि मोहनलाल ने उस पद पर रहते हुए लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के बजाय पद से इस्तीफा दे दिया. उनका कहना है कि फिल्म निकाय की कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया. शोभा डे ने कहा, उठो और इंसान बनो, अपनी टीम के अन्य सदस्यों से पीड़ितों की जिम्मेदारी लेने और उन लोगों की मदद करने के लिए कहो.

हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर 5 साल तक कुछ नहीं होना दुखद

शोभा डे ने NDTV से कहा कि इस मामले में दुख की बात यह है कि करीब 5 सालों तक जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट वहीं पड़ी रही, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया. अपने रोज के कामकाज और हालात से निराश मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कुछ महिलाओं ने एक अलग ग्रुप शुरू किया. ये महिलाएं 15-20 पुरुषों द्वारा नियंत्रित एक क्लब से परेशान थीं, जो न सिर्फ उनके कामकाजी बल्कि उनकी निजी लाइफ पर भी पूरा कंट्रोल कर रहे थे.

“2017 में किडनैपिंग और रेप का मामला सामने आया था. आज मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं. मलयालम सिनेमा के लिए यह नया नहीं है. यह बहुत ही व्यापक है. यह बॉलीवुड में भी हो रहा है और बंगाली और कर्नाटक फिल्म इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं है.

महिलाएं पूरी तरह से आवाजहीन और शक्तिहीन

शोभा डे ने #MeToo मामलों के पीछे एक बड़ी वजह “पितृसत्तात्मक व्यवस्था” को बताया, जिसने फिल्म इंडस्ट्री पर कब्जा जमाया हुआ है. उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री जिस तरह से काम करती है, वह बहुत ही घृणित, जहरीली पितृसत्तात्मक व्यवस्था है. महिलाएं पूरी तरह से आवाजहीन और शक्तिहीन लगती हैं, इसलिए चीजों को बदला जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही निराश हूं, हैरान हूं कि यह सब हो रहा है और मोहनलाल की अध्यक्षता वाली स्ट्रॉन्ग कार्यकारी समिति को सामूहिक रूप से इस्तीफा देना पड़ा, इससे क्या मदद मिलेगी?

शोभा डे का कहना है कि अच्छा नेतृत्व वह होता कि वह जहां हैं वहीं रहकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करते. लेकिन कहानी इसके उलट है. महिलाओं से अनैतिक डिमांड की जा रही है. यहां तक कि सेट पर टॉयलेट जैसी बेसिक सुविधाएं भी उनको नहीं दी जा रही हैं. यह बहुत ही अमानवीय होने के साथ ही संवेदनशील भी है. लोगों को इसके बारे में नहीं पता था, इसीलिए उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बॉलीवुड से भी किसी भी मजबूत पुरुष की आवाज नहीं उभरी. जिन एक्टर्स ने ये देखा है, उन्होंने भी कुछ नहीं बोला. उन्होंने कहा कि महिला हो या पुरुष, जब भी बोलने की जरूरत महसूस हो तो जरूर बोना चाहिए.

“इंडस्ट्री ने एक दूसरे के साथ समझौता कर लिया”

शोभा डे ने कहा कि ऐसा लगता है कि सबके बीच एक समझौता हुआ है, कि इंडस्ट्री नें कोई एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. जो चल रहा है, उस पर ध्यान नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हेमा कमेटी की रिपोर्ट में जो भी है, वह कोई नई बात नहीं है. बॉलीवुड ने अपनी महिलाओं को नहीं बख्शा, इसी लिए कितनीही महिलाएं आवाज उठा पाती हैं. क्या कभी आपने बंगाल फिल्म इंडस्ट्री की महिलाओं के बारे में सुना है.

बॉलीवुड की आवाज तक नहीं निकल रही

शोभा ने डे ने कहा कि “बॉलीवुड के बड़े स्टार्स कहां हैं, उन्होंने इतना भी नहीं कहा कि ‘हम पीड़ितों के साथ खड़े हैं, हम इन पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, जो इंडस्ट्री में पुरुषों की वजह से परेशान हैं. उन्होंने कहा कि जब तक वह समीकरण नहीं बदलेगा, कुछ भी ज्यादा बदलता नहीं दिख रहा, क्योंकि पुरुषों का नियंत्रण है. वही तय करते हैं कि कौन अंदर जाएगा और कौन बाहर रहेगा, किसे नौकरी मिलेगी, किसे भूमिका मिलेगी. कौन सी महिलाएं एक निर्देशक, निर्माता, एक कैमरापर्सन के साथ बिस्तर पर जाने को तैयार

Haryana Assembly Elections : असंतोष से बचने के लिए कांग्रेस बिना प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ सकती है

Haryana Assembly Elections : असंतोष से बचने के लिए कांग्रेस बिना प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ सकती है

Haryana Assembly Elections : चुनाव न लड़ने वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है हिमाचल भवन में संसदीय चयन समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपक बावरिया ने कहा कि यह आलाकमान का एकाधिकार है और कोई भी राज्य पर नियंत्रण कर सकता है

हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री का फैसला विधानसभा चुनावों के बाद कर सकती है। किसी चुनाव न लड़ने वाले व्यक्ति को भी सीएम बनाया जा सकता है। दिल्ली के हिमाचल भवन में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि यह आलाकमान का एकाधिकार है, राज्य की कमान कोई भी संभाल सकता है।
इसी के साथ उन्होंने संकेत दे दिया है कि पार्टी राज्य में केवल पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपक बावरिया, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत पार्टी के आला नेता मौजूद रहे।

दरअसल, राज्य में कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला अपने अपने दांवे ठोंक रहे हैं। उनके गुट के नेताओं ने भी बड़े पैमाने पर टिकटों के लिए आवेदन किया है, ऐसे में टिकट बंटवारे के बाद पार्टी में सिर फुट्टौव्वल तय मानी जा रही है। इसके लिए स्क्रीनिंग समिति की बैठकें लगातार जारी हैं।

दो से अधिक बार हारने वाले नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने दो या उससे अधिक बार हारने वाले नेताओं को टिकट न देने पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा कोई मौजूदा और पूर्व सांसद चुनाव नहीं लड़ सकेगा। केवल विशेष परिस्थितियों में पार्टी आलाकमान की अनुमति से ही ऐसा संभव हो सकेगा। हरियाणा को लेकर पार्टी ने 2 सितंबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई है।

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से श्री शैलजा और श्री सुरजेवाला को सख्त संदेश: वे विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और सिर्फ प्रचार करेंगे।

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से श्री शैलजा और श्री सुरजेवाला को सख्त संदेश: वे विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और सिर्फ प्रचार करेंगे।

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से श्री शैलजा और श्री सुरजेवाला को सख्त संदेश: इस समय भारतीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व बहुत कमजोर है। एक या दो सीटें हारने से विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस की स्थिति खतरे में पड़ जाएगी। वर्तमान में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्ष के नेता हैं।

नई दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में मौजूदा चुनावों में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक दशक से चली आ रही अपनी सत्ता विरोधी नीति से उत्साहित नजर आ रही है। लेकिन कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को लेकर कांग्रेस चिंतित है। कांग्रेस और हरियाणा विधानसभा में अंदरूनी कलह लगातार बनी हुई है। हाल ही में कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है। हरियाणा चयन समिति की पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकें हो रही हैं। बुधवार दोपहर को मतदाता सूची पर मंथन कई घंटों तक चला। कांग्रेस को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 25,000 से ज्यादा उम्मीदवारों के आवेदन मिले हैं।

कांग्रेस के भीतर दिक्कत है कि गुटबाजी नीचे से लेकर ऊपर तक चल रही है। वहां सरकार में आने की संभावना को देखते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमार सैलजा भी सीएम पद की दावेदारी जता चुकी हैं। इसके लिए वह बाकायदा अपने लिए विधायकी का टिकट चाह रही हैं। चर्चा है कि कांग्रेस महासचिव और हुड्डा सरकार में मंत्री रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला भी असेंबली चुनाव लड़ना चाहत
कांग्रेस नेतृत्व को एक सख्त संकेत देना पड़ा
बड़े नेताओं की दिली इच्छा सामने आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व को एक सख्त संकेत देना पड़ा। हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया ने बुधवार को टिकटों के मंथन के लिए हुई बैठक के बाद मीडिया में कहा कि कोई भी मौजूदा सांसद असेंबली चुनाव नहीं लड़ेगा। सांसद मौजूदा चुनाव में सिर्फ पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि बुधवार को लगभग 15-16 टिकटों पर चर्चा हुई। हालांकि उम्मीदवारी तय करने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा। शनिवार तक लिस्ट कुछ तैयार हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की लिस्ट 7-8 सितंबर के आसपास आ सकती है। हरियाणा को लेकर नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है। पार्टी ने संकेत दिया है कि मौजूदा विधायकों की टिकट की दावेदारी बरकरार रहेगी। टिकट उन्हीं विधायकों के कटेंगे, जिनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है।

Jammu and Kashmir general elections: एक दशक बाद फिर से हो रहे आम चुनावों को लेकर उत्साह, 280 लोगों ने भरे मतपत्र

Jammu and Kashmir general elections: एक दशक बाद फिर से हो रहे आम चुनावों को लेकर उत्साह, 280 लोगों ने भरे मतपत्र

पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, कुलगाम और चिनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए 280 नामांकन दाखिल किए गए।

Jammu and Kashmir general elections: एक दशक बाद फिर से हो रहे आम चुनावों को लेकर उत्साह। पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, कुलगाम और चिनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए 280 नामांकन दाखिल किए गए।

दक्षिण कश्मीर में जमात से जुड़े कई सदस्यों ने भी लोकतंत्र में आस्था जताते हुए पर्चा भरा। इसके साथ ही 2016 की हिंसा में पत्थरबाजी के लिए कुख्यात अलगाववादी सर्जन बरकती ने भी चुनाव में भागीदारी की। उनकी बेटी सुगरा बरकती ने उनकी ओर से पर्चा भरा।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, आतंकियों की गोली का शिकार बने किश्तवाड़ के अनिल परिहार के परिवार की शगुन परिहार, पूर्व मंत्री सुनील शर्मा व शक्तिराज परिहार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी व जीए मीर, नेकां के पूर्व सांसद हसनैन मसूदी, सीपीआई एम नेता एम वाई तारिगामी, पूर्व विधायक जीएम सरूरी ने पर्चा भरा।


शनिवार, रविवार और सोमवार को नामांकन न होने से मंगलवार को आखिरी दिन होने से नामांकन करने वालों की भारी भीड़ रही। सुरक्षा की दृष्टि से सभी सीटों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। दक्षिण कश्मीर में उमर व फारूक नेकां प्रत्याशियों के पर्चा भरने के दौरान मौजूद रहे तो महबूबा मुफ्ती पीडीपी प्रत्याशी के साथ रहीं। चिनाब वैली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने डोडा व प्रदेश प्रभारी तरुण चुग ने रामबन में मौजूद रहकर प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान हौसला बढ़ाया।

प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अध्यक्ष तलत मजीद अलाई ने पुलवामा व पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद भट ने देवसर सीट से पर्चा दाखिल किया। जमात के एक अन्य पूर्व नेता सयार अहमद रेशी ने भी कुलगाम विधानसभा क्षेत्र से नामांकन किया। नामांकन के लिए जाने से पहले बरकती की बेटी सुगरा ने जेल से बारामुला संसदीय सीट पर जीत दर्ज करने वाले इंजीनियर रशीद के बेटों की तरह भावुक अपील की।

डोडा, पांपोर व भद्रवाह में सबसे अधिक 16 ने पर्चा भर से सबसे कम तीन नामांकन

पहले चरण के चुनाव में सबसे अधिक डोडा, पांपोर व भद्रवाह से 16-16 ने पर्चा भरा। सबसे कम अनंतनाग की बिजबिहाड़ा सीट से तीन प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए।

23.77 लाख मतदाता, 5.66 युवा वोटर
पहले चरण की 24 सीटों के लिए मतदान 18 सितंबर को होगा। इनमें 23.27 लाख मतदाता हैं। युवा मतदाताओं की संख्या 5.66 लाख है।

सीट नामांकन

  • पांपोर 16
  • त्राल 13
  • पुलवामा 14
  • राजपोरा 12
  • जैनापोरा 15
  • शोपियां 13
  • डीएच पोरा 06
  • कुलगाम 11
  • देवसर 11
  • डोरू 12
  • कोकरनाग 11
  • अनंतनाग पश्चिम 14
  • अनंतनाग 13
  • बिजबिहाड़ा 03
  • शांगस-अनंतनाग 13
  • पहलगाम 06
  • इंद्रवल 13
  • किश्तवाड़ 11
  • पाडर-नागसेनी 08
  • भद्रवाह 16
  • डो़डा 16
  • डोडा पश्चिम 09
  • रामबन 14
  • बनिहाल 10

कुल 280

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना; ठेकेदार और साझेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई दर्ज की गई

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना; ठेकेदार और साझेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई दर्ज की गई

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना;  ने कल देर रात इस मामले पर एक बयान जारी किया, जिसमें उसने कहा कि नौसेना ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तुरंत जांच के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के ढहने के मामले में स्थानीय पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और सहयोगी चेतन पाटिल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सिंधुदुर्ग पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी है। वहीं, दूसरी ओर भारतीय नौसेना ने भी इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है। नौसेना ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है। साथ ही प्रतिमा की मरम्मत और उसे पुन: स्थापित करने के लिए एक टीम की प्रतिनियुक्ति की है। बता दें कि इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था
भारतीय सेना ने देर रात इस मामले में बयान जारी किया। इसमें नौसेना ने कहा कि उसने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तुरंत जांच के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। नौसेना ने कहा कि भारतीय नौसेना आज सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करती है, जिसका अनावरण सिंधुदुर्ग के नागरिकों के प्रति समर्पण के रूप में 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर किया गया था। बयान में आगे कहा गया है कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण की तुरंत जांच करने और प्रतिमा की जल्द से जल्द मरम्मत, और पुन: स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की नियुक्ति की है।

अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिमा मालवन स्थित राजकोट किले में दोपहर एक बजे ढही। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ प्रतिमा के ढहने के वास्तविक कारण का पता लगाएंगे। हालांकि, जिले में बीते दो-तीन दिनों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चली हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मौसम के कारण प्रतिमा अचानक ढह गई। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

विपक्ष ने की शिंदे सरकार की आलोचना

इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। राकांपा-एसपी के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखरेख नहीं की। सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया। इसने केवल कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें पीएम मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया था।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन लेती है और उसके अनुसार ठेके देती है।


दूसरी तरफ शिवसेना-यूबीटी के विधायक वैभव नाइक ने भी काम की कथित खराब गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है। प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों से पूछताछ होनी चाहिए।

सरकार ने दी सफाई

महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ‘‘मुझे घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि, पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उसी स्थान पर एक नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मामले को तुरंत और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।’’

Janmasthami 2024 Shubh Muhurat: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करने का यह शुभ समय है। यहां जानें संपूर्ण पूजा विधि।

Janmasthami 2024 Shubh Muhurat: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करने का यह शुभ समय है। यहां जानें संपूर्ण पूजा विधि।

जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। भक्त पूरे साल जन्माष्टमी के त्योहार का इंतजार करते हैं। 2024 में भगवान श्री कृष्ण की 5251वीं जयंती मनाई जाएगी। भगवान श्री कृष्ण को विष्णु जी का आठवां अवतार माना जाता है।

Janmasthami 2024 Shubh Muhurat: जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। भक्त पूरे साल जन्माष्टमी के त्योहार का इंतजार करते हैं। 2024 में भगवान श्री कृष्ण की 5251वीं जयंती मनाई जाएगी। भगवान श्री कृष्ण को विष्णु जी का आठवां अवतार माना जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन आता है। इस दिन, भक्त पूरे दिन  उपवास करते हैं। निशिता काल के दौरान, वे श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं और उन्हें 56 भोग का प्रसाद चढ़ाते हैं। इसके बाद उनका प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अष्टमी तिथि कब से कब तक-
अष्टमी तिथि आरम्भ: 26 अगस्त, 2024, प्रातः 03:39 बजे लग जाएगी
अष्टमी तिथि समाप्त: 27 अगस्त, 2024, प्रातः 02:19 बजे होगीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ समय 
निशिता पूजा (रात के समय) का समय: 27 अगस्त को रात 12:01 मिनट से 12:45 मिनट तक
आप इस दौरान 45 मिनट के शुभ मुहूर्त में कान्हा जी की आराधना कर सकते हैं और उनका जन्मोत्सव मना सकते हैं।
पारण का समय : 27 अगस्त को रात 12: 45 मिनट पर रहेगा

रोहिणी नक्षत्र कब होगा शुरू
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ऐसे में 26 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत शाम 3 बजकर 54 मिनट से होगी और समापन 27 अगस्त को शाम 3 बजकर 39 मिनट पर होगा।

पूजा विधि 
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रती को भगवान के आगे संकल्प लेना चाहिए कि व्रतकर्ता श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्ति के लिए, समस्त रोग-शोक निवारण के लिए, संतान आदि कोई भी कामना, जो शेष हो, उसकी पूर्ति के लिए विधि-विधान से व्रत का पालन करेगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर मनोकामना पूर्ति एवं स्वास्थ्य सुख के लिए संकल्प लेकर व्रत धारण करना लाभदायक माना गया है। संध्या के समय अपनी-अपनी परंपरा अनुसार भगवान के लिए झूला बनाकर बालकृष्ण को उसमें झुलाया जाता है। आरती के बाद दही, माखन, पंजीरी और उसमें मिले सूखे मेवे, पंचामृत का भोग लगाकर उनका प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है। पंचामृत द्वारा भगवान का स्नान एवं पंचामृत का पान करने से प्रमुख पांच ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर द्वारा निर्मित पंचामृत पूजन के पश्चात अमृततुल्य हो जाता है, जिसके सेवन से शरीर के अंदर मौजूद हानिकारक विषाणुओं का नाश होता है। शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अष्टमी की अर्द्धरात्रि में पंचामृत द्वारा भगवान का स्नान, लौकिक एवं पारलौकिक प्रभावों में वृद्धि करता है। रात्रि 12 बजे, खीरे में भगवान का जन्म कराकर जन्मोत्सव मनाना चाहिए। जहां तक संभव हो, संयम और नियमपूर्वक ही व्रत करना चाहिए। जन्माष्टमी को व्रत धारण कर गोदान करने से करोड़ों एकादशियों के व्रत के समान पुण्य प्राप्त होता है।

नासा ने सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी को क्यों चुना? ऐसी योजना सुनीता विलियम्स के बचाव अभियान के लिए बनाई गई थी,

नासा ने सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी को क्यों चुना? ऐसी योजना सुनीता विलियम्स के बचाव अभियान के लिए बनाई गई थी,

 

जो बोइंग स्टारलाइनर पर अंतरिक्ष में गई थी और इस साल पृथ्वी पर वापस नहीं आ पाएगी। नासा ने पुष्टि की है कि स्टारलाइनर पर वापसी बहुत खतरनाक होगी और इसलिए अगले साल तक पृथ्वी पर वापस नहीं आएगी। उन्हें वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन का इस्तेमाल किया जाएगा।

  • नासा ने सुनीता विलियम्स की वापसी पर बड़ा फैसला लिया है
  • सुनीता विलियम्स की वापसी अब स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन से होगी
  • नासा का मानना है कि स्टारलाइनर से लौटना खतरनाक हो सकता है
  • वॉशिंगटन: नासा ने अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी को लेकर बड़ा फैसला किया है। सुनीता विलियम्स की वापसी अब अगले साल होगी। वहीं बोइंग कंपनी के लिए भी एक बड़ा झटका है, क्योंकि इनकी वापसी अब बोइंग स्टारलाइनर की जगह स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन के जरिए होगी। नासा का मानना है कि अगर बोइंग स्टारलाइनर के जरिए उन्हें वापस लाया गया तो यह खतरनाक हो सकता है। क्रू ड्रैगन पहले भी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला चुका है। बोइंग स्टारलाइनर अंतरक्षि यान की टेस्ट फ्लाइट के लिए दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेस में गए थे। 8 दिनों के लिए उन्हें स्पेस में रहना था, लेकिन उन्हें फंसे 80 दिन हो गए हैं।
  • बोइंग स्टारलाइनर की उड़ान सफल रही और वह अंतरिक्ष में भी पहुंच गया। लेकिन उसे प्रमुख तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा। हीलीयम लीक और थ्रस्टर में खराबी के कारण अंतरिक्ष यात्रियों के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में लंबे समय के लिए रुकना पड़ा। नासा ने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स से मदद लेने का फैसला किया है। नियमित अंतरिक्ष यात्री रोटेशन मिशन के तहत अगले महीने स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष में जाएगा। यहां आठ महीने बिताने के बाद अगले साल फरवरी में लौटेगा।
Exit mobile version