कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज समेत पांच लोग लेंगे शपथ।
नई दिल्ली। दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी और उनका मंत्रिमंडल 21 सितंबर को शपथ लेंगे। आतिशी मार्लेना अरविंद केजरीवाल की जगह लेंगी। कहा जा रहा है कि आतिशी के साथ 5 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा जोरों पर है। इन नामों में गोपाल राय (Gopal Rai), कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot), सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj), इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) शपथ ले सकते हैं।
Swearing Cremony : 21 सितंबर को शपथ लेंगी आतिशी, एक हफ्ते में साबित करना होगा बहुमत
Swearing Cremony : उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार बनाने के प्रस्ताव के साथ अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। आतिशी के साथ उनका मंत्रिमंडल भी शपथ ले सकता है।
आप नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार के गठन के प्रस्ताव के साथ अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। आतिशी के साथ उनकी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है।
शपथ लेने के बाद नई सरकार 26 व 27 सितंबर को बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल करेगी। तकनीकी रूप से मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने पर पूरा मंत्रिमंडल भंग माना जाता है। इस वजह से आतिशी के साथ नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में कम से कम दो नए चेहरे दिख सकते हैं, जबकि अन्य सभी केजरीवाल सरकार के चेहरे ही रहेंगे। आतिशी या केजरीवाल ने अपनी ओर से शपथग्रहण की कोई तिथि नहीं सुझाई थी।
राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने 21 सितंबर की तारीख तय की है। गौरतलब है कि केजरीवाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था और आप विधायक दल ने आतिशी को नया नेता चुना था। आतिशी ने उपराज्यपाल के समक्ष मंगलवार को ही सरकार गठन का दावा पेश किया था।
‘Aatishi’s innings will begin: भरोसेमंद आतिशी को मिला उनके काम का इनाम, पहली बार विधानसभा पहुंचीं, अब सीएम की कुर्सी भी मिली
‘Aatishi’s innings will begin: भरोसेमंद आतिशी को मिला उनके काम का इनाम, पहली बार विधानसभा पहुंचीं, अब सीएम की कुर्सी भी मिली दिल्ली सरकार का हिस्सा बनने से पहले आतिशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के तौर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों के पीछे आतिशी ने ही मंथन किया था।
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की पहली पसंद आतिशी बनी हैं। बेहद नाजुक सियासी दौर में केजरीवाल ने उनको अपनी गद्दी सौंपी है। मुख्यमंत्री की दौड़ में अपने कई समकक्षों के साथ आतिशी ने वरिष्ठों को भी पीछे छाेड़ दिया। इसके पीछे की बड़ी वजह काम के साथ उनका अरविंद केजरीवाल का भरोसेमंद होना है। भरोसेमंद आतिशी को अपने काम का इनाम मिला है।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी असल में आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य हैं। वह जनलोकपाल आंदोलन का भी हिस्सा रहीं हैं। उनके पास सामाजिक, सियासी और शासनिक काम का अनुभव है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट आतिशी गठन के साथ ही आप की वैचारिक दिशा तय करने वाली कोर टीम का हिस्सा रही हैं। 2013 में आप ने जब पहली बार दिल्ली चुनाव लड़ा, उस दौरान पार्टी की घोषणा पत्र समिति के सदस्य के तौर पर आतिशी का सक्रिय दखल रहा। इसके बाद से आतिशी लगातार पार्टी के लिए काम करती रहीं। संगठन तैयार करने के साथ पार्टी की मिशन विस्तार मुहिम में भी सक्रिय रहीं।
दिल्ली सरकार का हिस्सा बनने से पहले आतिशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के तौर पर बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई। शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों के पीछे की दिमागी कसरत का काम आतिशी ने ही किया था। मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री रहते शिक्षा क्षेत्र में भी कई अहम काम किए थे और मनीष सिसोदिया की गैर-मौजूदगी में शिक्षा विभाग भी संभाला।
दूसरी तरफ आतिशी अपने मुखिया अरविंद केजरीवाल की विश्वासपात्र हैं। जेल में रहते हुए केजरीवाल और सरकार के संवाद सूत्र के तौर पर आतिशी ने काम किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया में सरकार के साथ पार्टी का मजबूती से पक्ष रखा। यह केजरीवाल का भरोसा ही था, जिसमें उन्होंने जेल से एलजी को लिखे गए इकलौते पत्र में आतिशी से स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को झंडारोहण कराने की अपील की। इसके अलावा दिल्ली में जल संकट गहराने पर सीएम ने आतिशी को अनशन पर बैठने की सलाह दी।
सरकार का हिस्सा बनने से पहले पर्दे के पीछे की अहम किरदार रहीं आतिशी
आप की 2015 और 2020 की दोनों सरकारों में आतिशी ने मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर दिल्ली में होने वाले शिक्षा सुधारों पर नजदीक से काम किया। इसका जमीन पर असर भी दिख रहा है। वहीं, जेल जाने के बाद जब सिसोदिया ने मंत्रीपद से इस्तीफा दिया तो आतिशी को मार्च 2023 में कैबिनेट में शामिल किया गया। शिक्षा विभाग के साथ उनको लोक निर्माण, बिजली और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। वह मौजूदा समय में 13 प्रमुख विभागों की देखरेख कर रही थीं और सबसे ज्यादा विभाग आतिशी के पास थे। अब एक बार फिर से आप और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आतिशी पर भरोसा जताया और इस्तीफा देने के साथ आतिशी को मुख्यमंत्री की अपनी गद्दी सौंप दी है।
पहले चुनाव में मिली हार, दूसरे में मिली जीत, बनीं मुख्यमंत्री
आतिशी पहली बार 2019 में चुनावी मैदान में उतरीं। लोकसभा चुनाव में आप ने इनकाे पूर्वी दिल्ली से प्रत्याशी बनाया था लेकिन भाजपा के गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद दोबारा 2020 में दिल्ली चुनाव में पार्टी ने कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा। वह जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहीं। हालांकि, केजरीवाल की कैबिनेट में उनके साथ दूसरी किसी भी महिला को जगह नहीं मिल सकी थी। यह वह चुनाव था, जब आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। इनमें से आठ महिला विधायक थीं लेकिन वक्त के साथ-साथ दिल्ली के राजनीतिक हालात भी बदले और अब वह मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
स्कूलों के बुनियादी ढांचे में किया बदलाव
दिल्ली में आप की दोनों बहुमत की सरकारों में आतिशी ने पहले पर्दे के पीछे रहकर और बीते करीब एक साल से बतौर शिक्षा मंत्री दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्कूलों को सुधारने के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर प्लान तैयार किया। दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूल बनाने के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग, अतिरिक्त कमरे सहित दूसरे परियोजना को पूरा करने का काम किया। साल 2022 में आतिशी ने न्यूयॉर्क में यूएनजीए को संबोधित किया। इसमें दिल्ली को शहरी शासन के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में उजागर किया।
आतिशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वह अपने बैच में प्रथम स्थान पर रहीं। इसके बाद की पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड चली गईं। वहां ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उन्होंने शिक्षा और इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की। इस दौरान रोड्स और राधाकृष्णन-शेवनिंग छात्रवृत्ति भी प्राप्त की। बाद में आतिशी ने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में बच्चों को पढ़ाया। वह कार्बनिक खेती और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कामों में सक्रिय रहीं। बाद में वह मध्य प्रदेश के भोपाल आ गईं। यहां पर एनजीओ के साथ काम किया। एक गांव में सात साल तक सार्वजनिक सेवा की।
दिल्ली की सियासत में सक्रिय होने के बाद नई सीएम को आतिशी मार्लेना के नाम से जाना जाता है। उनका सरनेम भी काफी चर्चा में रहा है।मार्क्स और लेनिन के विचारों से प्रभावित और जाति-धर्म की सियासत से परहेज करने का दावा करने वाली आतिशी ने अपना सरनेम इनके नामों को मिलाकर रख लिया जबकि उनका जन्म पंजाबी राजपूत परिवार में हुआ है। मां डॉ. तृप्ता वाही और पंजाबी राजपूत पिता विजय सिंह की बेटी आतिशी के पति का नाम प्रवीण सिंह है। यह पंजाबी क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं। 2019 के लोकसभा और 2020 के विधानसभा चुनाव के एफिडेविट में भी उनका नाम आतिशी मार्लेना ही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सरनेम पर विवाद होने के बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आतिशी को क्षत्राणी बताया था। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप समर्थकों ने उनके जातिगत आधार को आगे बढ़ाया था।
Arvind Kejriwal Resign:आज उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नए सीएम के नाम पर मुहर लगेगी। एलजी ने उन्हें शाम 4:30 बजे मीटिंग का समय दिया है। सीएम केजरीवाल अपने किसी भरोसेमंद चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे। हालांकि, यह सब आज पता चलेगा।
नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने के लिए सुबह केजरीवाल ने बुलाई विधायक दल की बैठक।
इससे पहले सोमवार को पीएसी की बैठक में भी नए सीएम को लेकर ली गई पार्टी नेताओं की राय।
केजरीवाल आज दोपहर बाद एलजी को सौंप देंगे सीएम पद से इस्तीफा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में गर्माए राजनीतिक माहौल के बीच अरविंद केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इस्तीफा देने के लिए एलजी वी के सक्सेना से समय मांगा है। राजनिवास सूत्रों ने कहा है कि एलजी ने शाम साढे़ चार बजे मिलने का समय दिया है।
केजरीवाल शाम के समय एलजी को इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक होने जा रही है। जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी। पार्टी के 59 विधायक नए मुख्यमंत्री के नाम पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में फैसला लेंगे।
जेल से निकलने के बाद की कुर्सी छोड़ने की घोषणा
बता दें कि आबकारी घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच माह तक तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद गत 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आए आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने रविवार को दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा है कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देंगे, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
पार्टी और सीएम कार्यालय में पसरा सन्नाटा
उनका इस बात का मतलब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) जीतने से है। रविवार को घोषणा के बाद सोमवार को पार्टी कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर तक सन्नाटा रहा।
पार्टी कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ता केजरीवाल के इस्तीफे वाले मुद्दे पर खुश नहीं दिखे। वहीं, केजरीवाल के सिविल लाइन के फ्लैग स्टाफ रोड के बाहर भी आज कार्यकर्ता कम नजर आए।
सिसोदिया और केजरीवाल ने की बैठक
नए मुख्यमंत्री के मुद्दे पर सोमवार को पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच इस मुद्दे पर लंबी बैठक चली, इसके बाद केजरीवाल ने अपने आवास पर शाम के समय पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक बुलाई।
पीएसी की बैठक में शामिल हुए ये नेता
इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, आतिशी, सौरभ भारद्वाज सहित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, संदीप पाठक व राघव चड्ढा सहित सभी प्रमुख नेता शामिल हुए। बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा हुई।
सीएम आवास पर होगी विधायक दल की बैठक
केजरीवाल ने नए मुख्यमंत्री के नाम पर सभी नेताओं से अलग-अलग राय ली है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा है कि अब मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर दोपहर से पहले होने वाली विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगा दी जाएगी।
दोपहर बाद केजरीवाल एलजी को अपना त्याग पत्र सौंप देंगे। सूत्रों ने कहा कि विधायक दल के फैसले के आधार पर नए मुख्यमंत्री के नाम का भी प्रस्ताव केजरीवाल उसी समय एलजी को सौंप देंगे।
बता दें कि यह दूसरी बार है जब केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2014 में कांग्रेस के समर्थन से बनाई सरकार में 49 दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप न्यूज़: अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाने की कोशिश की गई है। रविवार को फ्लोरिडा के पाम बीच में ट्रंप गोल्फ क्लब के बाहर गोलीबारी हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप सुरक्षित हैं।
वाशिंगटन:अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप को मारने की कोशिश की गई है. रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप जहां लंच करते हैं और अधिक समय बिताते हैं, वहीं पर गोलीबारी हुई है. हालांकि, इस गोलीबारी में डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह सुरक्षित हैं. दरअसल, फ्लोरिडा में ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स के पास रविवार दोपहर (स्थानीय समयानुसार) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफी नजदीक गोलियां चलीं. डोनाल्ड ट्रंप की प्रचार टीम और खुफिया सेवा ने यह जानकारी दी. एफबीआई ने इसे हत्या का प्रयास माना है.
एफबीआई ने साफ किया है कि गोलीबारी अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन के उम्मीदवार को निशाना बनाकर की गई थी. हालांकि, हत्या का यह दूसरा प्रयास विफल रहा. इससे पहले भी ट्रंप को रैली में मारने की कोशिश हुई थी. गोलीबारी की घठना पर डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कह दिया है कि वह इस गोलीबारी से डरने वाले नहीं हैं. वह किसी भी कीमत पर सरेंडर नहीं करेंगे. अमेरिका खुफिया सेवा ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है और घटना करीब दो बजे की है. बताया गया कि हमलावर के टारगेट पर डोनाल्ड ट्रंप ही थे.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स के पास गोलीबारी पर डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि मैं सेफ हूं. मेरे विंसिटी में गोलीबारी हुई. किसी भी अफवाह से पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं पूरी तरह सेफ और बेहतर हूं. मुझे कोई भी झुका नहीं सकता. मैं कभी सरेंडर नहीं करूंगा. अमेरिकी पुलिस के मुताबिक, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसका नाम रेयान वेसली रूथ है.
फ्लोरिडा के पाम बीच काउंटी शेरिफ कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों को इस जांच के बारे में जानकारी दे दी गई है और उन्हें इस बारे लगातार ताजा जानकारी दी जाएगी. व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि उन्हें यह जानकर राहत मिली है कि ट्रंप सुरक्षित हैं.
गोलीबारी की हो रही जांच
एक सुरक्षा अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि जांच की जा रही है और अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि गोलियां ट्रंप के वेस्ट पाम बीच गोल्फ कोर्स के पास चलाई गई थीं या मैदान में. बताना जरूरी है कि डोनाल्ड ट्रंप अक्सर सुबह का समय गोल्फ खेलकर बिताते हैं और दोपहर का भोजन‘ ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ क्लब वेस्ट पाम बीच’ में करते हैं जो राज्य में उनके स्वामित्व वाले तीन क्लबों में से एक है.
जुलाई की घटना के बाद ट्रंप की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. न्यूयॉर्क में ट्रंप टावर में उनकी मौजूदगी के दौरान इमारत के बाहर डंप ट्रक खड़े कर दिए जाते हैं और जब वह रैलियों में भाग लेते हैं तो उनके आसपास बुलेटप्रूफ शीशे का घेरा बना दिया जाता है. बता दें कि अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है.
ओणम 2024: ओणम कब है?, जानें कौन सा त्योहार किस दिन, कैसे मनाया जाता है ये त्योहार
ओणम 2024: ओणम का त्योहार इस साल 15 सितंबर को मनाया जाएगा. ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है.
ओणम 2024: ओणम का त्योहार मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. मलयालम में इसे थिरुवोनम कहते हैं और इस त्योहार में किसी देवता की नहीं बल्कि महाबली नाम के राक्षस की पूजा, स्वागत और सम्मान किया जाता है. हिंदी कैलेंडर के मुताबिक ये त्योहार भाद्रपद या आश्विन महीने में मनाया जाता है. इस बार ये 15 सितंबर को मनाया जाएगा. आपको बता दें कि ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है.
ओणम का त्योहार मलयालम कैलेंडर के चिंगम महीने में मनाया जाता है। चिंगम माह को सौर कैलेंडर में सिंह माह और तमिल कैलेंडर में अवनि माह के नाम से जाना जाता है। इस तिथि का आरंभ शनिवार 14 सितम्बर 2024 को रात 08 बजकर 32 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार यानी 15 सितम्बर 2024 को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा।
10 दिनों तक चलने वाले ओणम के दौरान, केरल के लोग अपने पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और पूरे त्योहार के दौरान हर्ष और उल्लास का माहौल रहता है। यह त्यौहार जीवन की सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
जानें किस दिन क्या मनाया जाता है?
पहला दिन – अथम
दूसरा दिन – चिथिरा
तीसरा दिन – विसाकम
चौथा दिन – विसाकम
पांचवां दिन – अनिजाम
छठा दिन – थिक्रेता
सातवां दिन – मूलम
आठवां दिन – पूरादम
नवां दिन – उथिरादम
दसवां दिन – थिरुवोणम
टेस्ट में धोनी ने 6 शतक ठोके रिकी पोंटिंग ने टेस्ट टीम में ऋषभ पंत की वापसी पर ऑस्ट्रेलिया टीम को चेतवानी दी है। आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी देते हुए कहा कि उसके नटखटपन से मूर्ख न बनें। वह बेहतरीन बल्लेबाज हैं। पोंटिंग ने पंत की तुलना एमएस धोनी से भी की। पोंटिंग ने पंत को मैच विजेता खिलाड़ी बताय
रिकी पोंटिंग ने एमएस धोनी से की पंत की तुलना
ऋषभ पंत को बताया मैच विजेता खिलाड़ी
बॉर्डर-गावस्कर में ऑस्ट्रेलिया को दी सावधान रहने की सलाह
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने ऋषभ पंत को मैच विजेता बताया है। उनका मानना है कि भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ने इतने कम समय में अपने देश के लिए जो किया है, वह उनकी महानता का प्रमाण है। पंत ने इस साल की शुरुआत में चोट से शानदार वापसी करते हुए भारत के लिए तीनों प्रारूपों में अपनी जगह पक्की कर ली है।
वहीं, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरे के लिए तैयार है। पंत पिछली बार की तरह इस बार भी भारत के लिए मैच जिताऊ पारी खेल सकते हैं। अपनी चंचलता और स्टंप माइक पर बातचीत के कारण पंत को अक्सर मजेदार खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया को उनसे मूर्ख न बनने की चेतावनी दी और कहा कि वह किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह ही गंभीर खिलाड़ी हैं।
धोनी से की पंत की तुलना
स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए पोंटिंग ने कहा, हम सभी ने उसे खेलते हुए देखा है और स्टंप माइक में उसकी आवाज सुनी है। वह अपने क्रिकेट से प्यार करता है, वह एक विजेता है। वह सिर्फ कुछ रन बनाने और मौज-मस्ती के लिए नहीं खेलता। उसने कम टेस्ट मैच 5 टेस्ट शतक जड़ दिए हैं। एमएस धोनी ने 90 टेस्ट खेले और 6 शतक बनाए हैं। यह दर्शाता है कि यह लड़का पंत कितना अच्छा है। वह एक गंभीर क्रिकेटर है।
गौरतलब हो कि पंत हाल ही में दलीप ट्रॉफी के पहले दौर के मैच में इंडिया बी के लिए खेले, जहां उन्होंने 7 और 61 रन बनाए। उन्हें कुलदीप यादव के साथ मस्ती करते हुए देखा गया और यहां तक कि विपक्षी टीम के घेरे में भी घुस गए। हालांकि, पोंटिंग का कहना है कि इससे पंत की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम नहीं किया जा सकता।