Electoral Bond: चुनाव आयोग ने SBI से प्राप्त नए डेटा और जानकारी अपलोड की; बांड से संबंधित विवरण यहां देखें

Electoral Bond: चुनाव आयोग ने SBI से प्राप्त नए डेटा और जानकारी अपलोड की; बांड से संबंधित विवरण यहां देखें

Electoral Bonds: 

चुनाव आयोग ने एक बार फिर Electoral Bond: से जुड़े आंकड़े आम जनता के सामने पेश किए हैं. आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से प्राप्त नए डेटा और जानकारी को सार्वजनिक करते हुए कहा कि 952 बांड से संबंधित पूरा विवरण वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
चुनाव आयोग ने एक बार फिर चुनावी बांड से जुड़ा अहम डेटा – जिसका इस्तेमाल हजारों करोड़ रुपये का चुनावी चंदा हासिल करने के लिए किया जाता था – आम जनता के सामने पेश किया है। इस बार पुराने आंकड़ों से ज्यादा अहम बातें साझा की गई हैं. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से प्राप्त नए डेटा और जानकारी में चुनावी बांड के खरीदार का नाम, भुनाने वाली पार्टी का नाम और बांड की क्रमिक विविधता जैसे विवरण भी शामिल हैं। आयोग ने डेटा सार्वजनिक करते हुए कहा कि बॉन्ड से जुड़ी पूरी जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

फ्यूचर गेमिंग ने बीजेपी को 100 करोड़ रुपये, तृणमूल को 285 करोड़ रुपये का चंदा दिया
लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाली कंपनी ने अक्टूबर 2022 तक पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को लगभग 285 करोड़ रुपये का दान दिया है। यह खुलासा गुरुवार को चुनाव आयोग को सौंपे गए एसबीआई डेटा से हुआ। आंकड़ों के मुताबिक, फ्यूचर गेमिंग ने बीजेपी को 100 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि वाईएसआर ने कांग्रेस को 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा दिया. लाभार्थियों में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा भी शामिल है. डीएमके को सबसे ज्यादा 509 करोड़ रुपये मिले थे.

रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई ने भाजपा को दिए 385 करोड़
नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में पंजीकृत पते वाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने भाजपा को 395 करोड़ रुपये और शिव सेना को 25 रुपये दिए हैं। रिलायंस लिंक वाली एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने भी 8 अप्रैल 2021 को 30 करोड़ रुपये के बांड खरीदे और सभी भाजपा को दे दिए। ताजा आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।

क्विक सप्लाई कंपनी ने भाजपा और शिवसेना को छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दल को कोई पैसा नहीं दिया। क्विक सप्लाई ने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बांड खरीदे थे। इसमें 25 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी सभी भाजपा को दिए। 2022 में शिवसेना को उसने 25 करोड़ रुपये दिए थे।

नेक्सजी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 35 करोड़ के चुनावी बांड खरीदे
एक अन्य कंपनी नेक्सजी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड ने मई 2019 और नवंबर 2022 में 35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। यह कंपनी सुरेंद्र लूनिया से जुड़ी है। लूनिया से जुड़ी एक अन्य कंपनी इन्फोटेल बिजनेस सॉल्यूशंस ने मई 2019 में 15 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। लूनिया वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने रिलायंस से जुड़ी कंपनियों की एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी अडानी समूह को बेच दी थी।

डेटा जारी होने पर चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एसबीआई ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा मुहैया कराया। आयोग ने पूरी जानकारी- जिस स्थिति में मिला वैसे ही आधार पर (as is where is basis) वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा 900 से अधिक पन्नों में आम जनता भी देख सकती है।

यहां देखें एसबीआई की तरफ से मुहैया कराया गया 938 पन्नों का पूरा डेटा-

  • पहले डॉक्यूमेंट में चुनाव आयोग ने 552 पन्नों में बताया है कि कौन से राजनीतिक दल ने कितने रुपये का बॉन्ड कितनी तारीख को भुनाया।
  • दूसरे दस्तावेज में 386 पेज में आयोग ने बॉन्ड खरीदने वाली फर्म या शख्स का नाम सार्वजनिक किया है। इसमें बॉन्ड के सीरियल नंबर के साथ खरीदने की तारीख का भी ब्यौरा दर्ज है।
  • हफ्तेभर पहले पहली बार सामने आए इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़े
    इससे पहले 14 मार्च को भी आयोग ने बॉन्ड का डेटा जारी किया था। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं।

    इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से साझा की जानकारी में बताया गया है कि इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं।

    यहां देखें पूरा डेटा
    1. चुनावी बॉन्ड के खरीदारों के नाम
    2. बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दल

    सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
    दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है।

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