IND vs NZ: तलवार का इस्तेमाल…रोहित शर्मा ने 46 रन पर आउट होने के बाद किसे दिया ये जवाब?

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IND vs NZ: तलवार का इस्तेमाल…रोहित शर्मा ने 46 रन पर आउट होने के बाद किसे दिया ये जवाब?

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IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में खेले जा रहे टेस्ट मैच का दूसरा दिन टीम इंडिया के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लेकिन टीम महज 46 रन पर ऑलआउट हो गई।

हाइलाइट्स

  • भारतीय टीम बेंगलुरु टेस्ट में 46 रन पर हुई ऑल आउट
  • रोहित शर्मा ने दूसरे दिन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?
  • न्यूजीलैंड के पास इस वक्त 134 रन की है लीड
  • बेंगलुरु: IND vs NZ: के बीच 3 मैटों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा है। बारिश के चलते पहला दिन धुलने के बाद दूसरे दिन भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। हालांकि यह फैसला टीम इंडिया को काफी चुभा।
  • भारतीय टीम दूसरे दिन महज 46 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। इसके बाद न्यूजीलैंड ने दिन के अंत तक बल्लेबाजी करते हुए 3 विकेट पर 180 रन भी बना लिए। काफी लंबे समय के बाद ऐसा देखने को मिल रहा है, जब टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच में कोई दिन इतना खराब गया हो।
  • हालांकि दूसरा दिन खत्म होने के बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बड़े दिल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सरेआम इस चीज को स्वीकार किया कि टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला उन्होंने गलत लिया। उन्होंने पिच को गलत तरीके से पड़ा। वहीं रोहित ने पीसी का आगाज भी अलग अंदाज में किया था।
  • चलाओ तलवार… इन शब्दों के साथ रोहित ने शुरू की प्रेस कॉन्फ्रेंस

    ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आगाज ‘चलाओ तलवार’ कह कर किया। उन्होंने पीसी में कहा, ‘ हमें लगा कि पहले सेशन के बाद पिच सीमर्स को इतना मदद नहीं करेगी। पिच पर इतनी घास भी नहीं थी। हमने सोचा था कि पिच फ्लैट होगी। यह गलती मेरी साइड से हुई। मैं पिच तो सही से नहीं पढ़ पाया। मुझे 46 रन का स्कोर बतौर कप्तान देखकर बड़ा दुख हो रहा है, क्योंकि पहले बल्लेबाजी करने की कॉल मेरी थी। लेकिन एक साल में एक या दो खराब कॉल करने में कोई परेशानी नहीं है’। 

    बता दें कि भारतीय पारी के दौरान 5 बल्लेबाज डक पर आउट हुए थे। ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है, जब टॉप ऑर्डर के 8 में से 5 बल्लेबाज एक टेस्ट इनिंग में अपना ही खाता ही नहीं खोल पाए हों।

IND vs NZ : न्यूजीलैंड के विरूद भारत ने जीता टॉस,  बल्लेबाजी करने  का फैसला किया, शुभमन-आकाश दीप बाहर

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IND vs NZ : न्यूजीलैंड के विरूद भारत ने जीता टॉस,  बल्लेबाजी करने  का फैसला किया, शुभमन-आकाश दीप बाहर

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IND vs NZ 1st   भारत और न्यूजीलैंड के  बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला बेंगलुरु में है। टेस्ट का पहला दिन बारिश से पूरी तरह धुल गया था। अब तक इस टेस्ट में टॉस भी नहीं हो सका है। गुरुवार को 98 ओवर का खेल होना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या आज भी बारिश विलेन बनेगी? भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए यह सीरीज बेहद महत्वपूर्ण है।

IND vs NZ : भारत ने जीता टॉस

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। रोहित ने कहा, ‘हम पहले बल्लेबाजी करेंगे। यह कवर के अंदर रहा है और हम समझते हैं कि शुरुआत में इसमें थोड़ी नमी हो सकती है, लेकिन पिच की प्रकृति ऐसी है कि आप पहले बोर्ड पर रन बनाना चाहेंगे। रोहित ने प्लेइंग-11 में दो बदलाव किए हैं। बांग्लादेश के खिलाफ पिछले टेस्ट खेलने वाली टीम से दो बदलाव हैं। शुभमन गिल 100 प्रतिशत फिट नहीं हैं। उनकी जगह सरफराज खान को प्लेइंग-11 में शामिल किया गया है। वहीं, तेज गेंदबाज आकाश दीप की जगह कुलदीप यादव की प्लेइंग-11 में वापसी हुई है।

IND vs NZ : विलियम्सन के बिना उतरेगी कीवी टीम

कीवी टीम पहले मैच में केन विलियम्सन के बिना उतरेगी। विलियम्सन को श्रीलंका दौरे के दौरान चोट लगी थी। इससे वह अब तक उबर नहीं सके हैं। विलियम्सन कीवी स्क्वॉड में शामिल हैं, लेकिन वह बाकी के दो टेस्ट खेलेंगे या नहीं उस पर भी संशय बरकरार है। भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए अपने बाकी बचे आठ में से पांच टेस्ट जीतने जरूरी हैं।

IND vs NZ : श्रीलंका दौरे की कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना चाहेगी न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड की टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाकर भारत दौरे पर आई है। न्यूजीलैंड की कमान टॉम लाथम के हाथों में है और वह भारतीय चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे। भारत के सामने समस्याएं बड़ी नहीं है, लेकिन न्यूजीलैंड को गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में कई दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। स्पिनरों के सामने बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण कीवी टीम को श्रीलंका ने 2-0 से हराया। अब भारत के रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे खतरनाक स्पिनरों का सामना करना उनके लिए कठिन चुनौती होगा।

IND vs NZ : भारत और कीवी खिलाड़ी स्टेडियम पहुंचे

भारत और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी स्टेडियम पहुंच चुके हैं। वे मैदान में अभ्यास करते दिख रहे हैं। वहीं, कप्तान रोहित शर्मा, डेरिल मिचेल, टॉम लाथम और कई खिलाड़ी पिच का जायजा लेते दिखे। थोड़ी देर में टॉस होना है। पिच दो दिन तक कवर्स के अंदर रही है। ऐसे में नमी की वजह से तेज गेंदबाजों को शुरू में मदद मिल सकती है। इस मैच में रचिन रवींद्र पर खास ध्यान होगा।

IND vs NZ : दूसरे दिन के लिए संशोधित समय

  • टॉस: सुबह 8:45 बजे से
  • पहला सत्र: सुबह 9:15 बजे से सुबह 11:30 बजे तक
  • सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक लंच
  • दूसरा सत्र: दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 2:25 बजे तक
  • दोपहर 2: 25 बजे से 2:45 बजे तक चायकाल
  • तीसरा सत्र: दोपहर 2:45 बजे से शाम 4:45 बजे

IND vs NZ : बारिश के कारण पहले दिन का खेल रद्द

बारिश के कारण पहले दिन का खेल रद्द कर दिया गया था। बुधवार को एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। यहां तक कि टॉस भी नहीं हो सका। बुधवार को पूरे दिन बारिश की संभावना जताई गई थी। बीच बीच में कुछ देर के लिए बारिश रुकी, लेकिन मैदान पर गड्ढों की वजह से पिच को इतनी आसानी से नहीं सुखाया जा सकता था। लगभग पूरे दिन पिच कवर्स के अंदर रहा। बुधवार को बेंगलुरु में ऑरेंज अलर्ट था और स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। मंगलवार से ही बेंगलुरु में बारिश हो रही है। बीसीसीआई ने अपडेट दिया था कि गुरुवार को टेस्ट के दूसरे दिन 98 ओवर गेंदबाजी होगी टॉस पौने नौ बजे होगा, जबकि पहली गेंद नौ बजकर 15 मिनट पर फेंकी जाएगी।

IND vs NZ  : न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने जीता टॉस,

भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला बेंगलुरु में है। टेस्ट का पहला दिन बारिश से पूरी तरह धुल गया था। अब तक इस टेस्ट में टॉस भी नहीं हो सका है। गुरुवार को 98 ओवर का खेल होना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या आज भी बारिश विलेन बनेगी? भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए यह सीरीज बेहद महत्वपूर्ण है।

Women T20 World Cup 2024: सेमीफाइनल के लिए चारों टीमें तय, कब होगा एक दूसरे से मुकाबला; जानें शेड्यूल

Women T20 World Cup 2024:

Women T20 World Cup 2024: सेमीफाइनल के लिए चारों टीमें तय, कब होगा एक दूसरे से मुकाबला; जानें शेड्यूल

Women T20 World Cup 2024:

Women T20 World Cup 2024 : सेमीफाइनल में चार टीमों ने जगह बना ली है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका की टीमें शामिल हैं।

 
Women T20 World Cup 2024 : महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 का कारवां अपने अंतिम पड़ाव की तरफ पहुंच चुका है। 3 तारीख से शुरू हुए क्रिकेट के महाकुंभ में फैंस को कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। इस बार टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें ने हिस्सा लिया। सभी टीमों ने सेमीफाइनल में जाने के लिए पुरजोर कोशिश, लेकिन अंत में बाजी चार टीमों के हाथ लगी, जिन्होंने सेमीफाइनल में एंट्री मारी है।

Women T20 World Cup 2024 : 20 अक्टूबर को खेला जाएगा फाइनल मुकाबला 

 

ग्रुप-ए से सेमीफाइनल के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, तो ग्रुप बी से वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका की टीमों ने क्वालीफाई किया है। पहला सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच 17 अक्टूबर को दुबई में खेला जाएगा। वहीं दूसरा सेमीफाइनल वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के बीच 18 अक्टूबर को शाहजाह स्टेडियम में होगा। इसके बाद जो भी टीम सेमीफाइनल जीतेगी। वह फाइनल में पहुंच जाएगी और फाइनल मैच 20 अक्टूबर को दुबई में होगा।

सेमीफाइनल का शेड्यूल: 

17 अक्टूबर, ऑस्ट्रेलिया बनाम साउथ अफ्रीका; दुबई

18 अक्टूबर, वेस्टइंडीज बनाम न्यूजीलैंड; शाहजाह

20 अक्टूबर- फाइनल

ग्रुप-ए में ऑस्ट्रेलिया ने दमदार प्रदर्शन किया और टीम ने अपने सभी मुकाबले जीते। इसी के साथ उसने प्वाइंट्स टेबल में पहले स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। इस ग्रुप में न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं ग्रुप-बी में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को आखिरी ग्रुप स्टेज मुकाबले में 6 विकेट से हराया और सेमीफाइनल में एंट्री कर ली। उनके अलावा साउथ अफ्रीकी टीम भी प्लेऑफ में जगह बनाने में सफल रही।

अभी तक सिर्फ तीन टीमों ने ही जीता खिताब

Women T20 World Cup 2024 : अभी तक कुल 8 एडिशन हो चुके हैं, जिसमें सिर्फ तीन टीमें ही ऐसी हैं, जिन्होंने खिताब जीता है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने महिला टी20 वर्ल्ड कप का खिताब सबसे ज्यादा बार जीता हुआ है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने ये ट्रॉफी एक-एक बार जीती है।

Women T20 World Cup 2024 : के सभी विजेताओं की लिस्ट: 

2009:  इंग्लैंड

2010: ऑस्ट्रेलिया
2012: ऑस्ट्रेलिया
2014: ऑस्ट्रेलिया
2016: वेस्टइंडीज
2018: ऑस्ट्रेलिया
2020: ऑस्ट्रेलिया
2023: ऑस्ट्रेलिया
2024: ?

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दामाद शाहीन को टीम से बाहर किए जाने पर शाहिद अफरीदी खुश, कर रहे हैं PCB की तारीफ

दामाद शाहीन को टीम से बाहर

दामाद शाहीन को टीम से बाहर किए जाने पर शाहिद अफरीदी खुश, कर रहे हैं PCB की तारीफ

दामाद शाहीन को टीम से बाहर

शाहीन अफरीदी को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया है। शाहीन अफरीदी के ससुर और पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी PCB के इस फैसले से काफी खुश हैं। शाहीन अफरीदी पिछले कई मैचों में फ्लॉप रहे हैं। यही वजह है कि उन्हें टीम से बाहर किया गया

  • शाहीन को लेकर खुश हैं शाहिद अफरीदी
  • शाहीन को दूसरे टेस्ट से किया गया बाहर
  • बाबर और नसीम शाह पर भी गिरी है गाज

मुल्तान: इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के बीच पाकिस्तान क्रिकेट टीम में भूचाल मचा हुआ है। टीम से पूर्व कप्तान बाबर आजम और शाहीन अफरीदी को बाहर कर दिया गया है। ये दोनों ही खिलाड़ी लगातार फ्लॉप रहे हैं। ऐसे में पीसीबी के नए चयन समिति ने फैसला किया कि बाबर और शाहीन की जगह की किसी नए चेहरे को मौका दिया जाए। यही कारण है कि बोर्ड ने इन दोनों खिलाड़ियों को मुल्तान में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच से बाहर का रास्ता दिखा। पीसीबी के इस फैसले के बाद पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

शाहीन और बाबर को टीम से बाहर किए जाने के बाद शाहिद अफरीदी ने खुशी जताई है और बोर्ड की तारीफ की है। शाहिद अफरीदी का मानना सिलेक्टर्स का यह फैसला बाबर आजम और शाहीन के सही साबित होगा। उन्होंने एक्स पर लिखा, बाबर आजम, शाहीन अफरीदी और नसीम शाह को पाकिस्तानी टीम से बाहर किए जाने का मैं समर्थन करता हूं। सिलेक्टर्स के इस कदम से न केवल इन चैंपियन खिलाड़ियों के करियर सुरक्षित करेगा बल्कि इससे उन्हें और आगे बढ़ने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा पाकिस्तानी टीम में नए प्रतिभाओं को परखने और तैयार करने का भी मौका मिलेगा जिससे की भविष्य के लिए मजबूत बेंच स्ट्रेंथ बनाने का एक बड़ा अवसर भी होगा।

टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा विलेन रहा ये खिलाड़ी, ऐसे हारा भारत जीता हुआ मैच

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम को महिला टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम के खिलाफ 9 रन से हार का सामना करना पड़ा है। इस मैच में मिली हार के कारण टीम इंडिया के लिए सेमीफाइनल के दरवाजे लगभग बंद हो गए हैं।

IND-W vs AUS-W: भारतीय महिला टीम और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम के बीच महिला टी20 वर्ल्ड कप का मुकाबला खेला गया। इस मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच को ऑस्ट्रेलिया 09 रनों से जीता। ऑस्ट्रेलिया ने इसी के साथ लीग स्टेज के दौरान खेले गए सभी मुकाबलों को जीतकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। वहीं टीम इंडिया लगभग सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गई है। भारतीय महिला टीम ने इस वर्ल्ड कप में बेहद खराब प्रदर्शन किया और फैंस को पूरी तरह से निराश किया है। फैंस को टीम इंडिया से इस बार बेहद उम्मीदें थी।

कौन रहा टीम इंडिया की हार का विलेन

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मुकाबले में मिली हार के पीछे टीम इंडिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर सबसे बड़ी जिम्मेदार रहीं। उनकी धीमी पारी के कारण भारतीय टीम को इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने इस मैच में 47 गेंदों पर 54 रनों की पारी खेली। जिसके कारण भारतीय टीम यह मैच हार गई। एक ऐसे मैच में जहां फैंस उनसे तेज बल्लेबाजी की उम्मीद कर रहे थे। वहां उन्होंने सिर्फ 114.89 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।

17वें ओवर में 3 डॉट गेंद

टीम इंडिया इस मुकाबले में 152 रन के टारगेट को चेज कर रही थी। वहीं भारतीय टीम के लिए यह एक अहम मुकाबला था। ऐसे अहम मैच में हरमनप्रीत कौर रनचेज के दौरान 17वें ओवर में 3 डॉट गेंद खेल जाती हैं। इसके अलावा उन्होंने इस ओवर की आखिरी गेंद पर सिर्फ एक रन बनाया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। इस मैच में उन्होंने अपनी पारी के दौरान 6 चौके जड़े, लेकिन एक भी छक्का नहीं लगा सकी।

कैसा रहा मैच का हाल

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 151 रन बनाए। जिसके बाद टीम इंडिया रन चेज के लिए मैदान पर उतरी। भारतीय टीम ने रनचेज में शुरुआत तो काफी तेज की, लेकिन हरमनप्रीत कौर की धीमी पारी के कारण भारत आखिर में इस मुकाबले में 20 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 142 रन ही बना सका और टीम इंडिया यह मैच भी हार गई।

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Para Powerlifting- Sport: शक्ति, दृढ़ संकल्प और समावेश का एक उभरता हुआ खेल

Para Powerlifting- Sport:

Para Powerlifting- Sport: शक्ति, दृढ़ संकल्प और समावेश का एक उभरता हुआ खेल

Para Powerlifting- Sport:

Para Powerlifting- Sport: इस समावेशी और विकासशील खेल में एथलीट अपार शक्ति और लचीलेपन का प्रदर्शन करते हैं, बाधाओं को तोड़ते हैं और वैश्विक दर्शकों को प्रेरित करते हैं।

पैरा पावरलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है जो हाल के वर्षों में लोकप्रिय हो रहा है। यह एक प्रतिस्पर्धी खेल है जिसमें विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए व्हीलचेयर पर बैठकर वजन उठाना शामिल है। यह खेल शारीरिक रूप से विकलांग एथलीटों के लिए खुला है, और इसे 1984 से पैरालंपिक खेलों द्वारा सम्मानित किया गया है।

Para Powerlifting- Sport: अपनी शुरुआत से ही एक लंबा सफर तय कर चुका है, और यह एथलीटों और प्रशंसकों के बीच लोकप्रियता में बढ़ता जा रहा है।

Para Powerlifting- Sport: एक अनूठा खेल है जिसमें ताकत, तकनीक और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। एथलीट विभिन्न भार श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करते हैं, और लक्ष्य तीन प्रयासों में अधिकतम संभव वजन उठाना होता है। लिफ्टों को बेंच प्रेस स्थिति में किया जाता है, जिसमें एथलीट अपने सीने से लेकर पूरे हाथ के विस्तार तक वजन को दबाते हैं।

पैरा पावरलिफ्टिंग ताकत, शक्ति और आंतरिक दृढ़ता का परीक्षण है, और एथलीट अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने के लिए सख्ती से प्रशिक्षण लेते हैं।Para Powerlifting- Sport: के सबसे प्रेरक पहलुओं में से एक एथलीट खुद हैं। इन व्यक्तियों ने खेल के सबसे ऊंचे स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों और बाधाओं को पार किया है। वे दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की शक्ति के प्रमाण हैं, और उनकी कहानियाँ दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। पै

Para Powerlifting- Sport: केवल एक शारीरिक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि चरित्र और इच्छाशक्ति की परीक्षा है। यह एक ऐसा खेल है जो नश्वर मन और शरीर की अदम्य भावना का जश्न मनाता है। पैरा पावरलिफ्टिंग- खेल विकलांगता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समावेशिता को बढ़ावा देने में भी आवश्यक रहा है। यह विकलांग एथलीटों को अपनी प्रतिभा और क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो विकलांग व्यक्तियों द्वारा प्राप्त की जा सकने वाली रूढ़ियों और गलत धारणाओं को चुनौती देता है। खेल ने बाधाओं को तोड़ने और विकलांग लोगों के लिए खेलों में भाग लेने और पूर्ण, सक्रिय जीवन जीने के अवसर खोलने में मदद की है। Para Powerlifting- Sport: समग्र रूप से खेल और समाज में समानता और विविधता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

हाल के वर्षों में, पैरा Para Powerlifting- Sport: की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई है, जिसमें अधिक एथलीट और देश प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिस्पर्धा का मानक भी बढ़ा है, जिसमें एथलीट ताकत और प्रदर्शन के मामले में संभव की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रशिक्षण तकनीकों, पोशाक और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ यह खेल विकसित और विकसित हुआ है, जिससे एथलीटों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिली है।

Para Powerlifting- Sport: अब देखने के लिए एक बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धी और उत्तेजक खेल है, जिसमें एथलीट ताकत और एथलेटिकता के अकल्पनीय करतब दिखाते हैं। Para Powerlifting- Sport: केवल एक व्यक्तिगत खेल नहीं है, बल्कि एक प्लाटून ट्रबल है। एथलीट प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने और अपनी पूरी स्थिति तक पहुँचने में मदद करने के लिए प्रशिक्षकों, कोचों और सहायक कर्मचारियों पर निर्भर करते हैं। यह खेल एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने और विकसित होने के लिए अवसर देने के लिए गारंटर, चूसने वालों और शासी निकायों के समर्थन पर भी निर्भर करता है।

Para Powerlifting- Sport: एक समुदाय है जो अपने एथलीटों की उपलब्धियों का समर्थन करने और उनका जश्न मनाने के लिए एक साथ आता है, जिससे सौहार्द और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।

Para Powerlifting- Sport: एक शारीरिक रूप से मांग वाला खेल है जिसमें एथलीटों को कड़ी मेहनत करने और अनुशासित रहने की आवश्यकता होती है। एथलीट अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए सख्त प्रशिक्षण नियमों का पालन करते हैं, शक्ति प्रशिक्षण, परिश्रम और फैशन वर्क पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे अपने आहार और पोषण पर भी पूरा ध्यान देते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके पास उच्च पद पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए ऊर्जा और ऊर्जा है।

Para Powerlifting- Sport: एक ऐसा खेल है जो समर्पण और प्रतिबद्धता की मांग करता है, लेकिन जो लोग मेहनत करने के लिए तैयार हैं, उनके लिए पुरस्कार बहुत अधिक हैं।

Para Powerlifting- Sport: के महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि यह एथलीटों को कमीशन और आत्मविश्वास की भावना देता है। खेल के माध्यम से, एथलीट ताकत, अनुकूलनशीलता और टोन-विश्वास का निर्माण करते हैं, जो उनके जीवन के अन्य क्षेत्रों में अनुवाद कर सकते हैं। कई एथलीटों ने बताया है कि पैरा पावरलिफ्टिंग ने उन्हें शारीरिक और आंतरिक चुनौतियों को दूर करने में मदद की है, जिससे उनका आत्मविश्वास और टोन-सम्मान बढ़ा है। खेल उद्देश्य और उपलब्धि की भावना प्रदान करता है, जिससे एथलीटों को वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता प्राप्त करने और खुद को साबित करने का एक मंच मिलता है।

 Conclusion

Para Powerlifting- Sport: एक ऐसा खेल है जो दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और समावेशिता की भावना का प्रतीक है। यह एक ऐसा खेल है जो नश्वर क्षमता की विविधता का जश्न मनाता है और उन अकल्पनीय करतबों को प्रदर्शित करता है जो विकलांग व्यक्ति हासिल कर सकते हैं।

पैरा पावरलिफ्टिंग सिर्फ़ एक खेल नहीं है, बल्कि कई एथलीटों के लिए जीवन जीने का एक तरीका है, जिन्होंने खुद को उत्कृष्टता की खोज के लिए समर्पित कर दिया है।

जैसे-जैसे यह खेल आगे बढ़ता और विकसित होता रहेगा, यह एथलीटों और प्रशंसकों की पीढ़ियों को अपनी सीमाओं से परे जाकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा।

Para Powerlifting- Sport: नश्वर आत्मा की शक्ति और हममें से प्रत्येक के भीतर निहित क्षमता का एक सच्चा प्रमाण है।

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस में 2024: एक व्यापक अवलोकन

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस में 2024: एक व्यापक अवलोकन

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस

Introduction

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस आशा और प्रेरणा की किरण है, जो विकलांग एथलीटों की अविश्वसनीय उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। पैरालिंपिक खेलों में शामिल कई खेलों में से, व्हीलचेयर टेनिस न केवल अपनी एथलेटिकता के लिए बल्कि अपने प्रतिभागियों के दृढ़ संकल्प और भावना के लिए भी सबसे अलग है। जैसा कि हम 2024 के पैरालिंपिक की प्रतीक्षा कर रहे हैं, पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिसक बार फिर केंद्र में होगा, जो रोमांचक मैच और लचीलेपन की दिल को छू लेने वाली कहानियाँ पेश करेगा।

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस अपने समावेश के बाद से तेजी से बढ़ा है, जिसने दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित किया है। यह खेल न केवल शारीरिक रूप से विकलांग एथलीटों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि खेलों में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देते हुए बाधाओं को तोड़ने में भी मदद करता है।

व्हीलचेयर टेनिस का विकास

व्हीलचेयर टेनिस ने अपनी साधारण शुरुआत से एक लंबा सफर तय किया है। 1970 के दशक में शुरू में विकसित इस खेल को पहली बार एक मनोरंजक गतिविधि के रूप में पेश किया गया था। हालाँकि, इसने अपनी गतिशील प्रकृति और विकलांग एथलीटों को प्रतिस्पर्धी खेलों में भाग लेने के अवसर प्रदान करने के कारण जल्दी ही लोकप्रियता हासिल कर ली। 1988 तक, व्हीलचेयर टेनिस ने सियोल पैरालिंपिक में एक प्रदर्शन खेल के रूप में अपनी शुरुआत की, और 1992 में बार्सिलोना खेलों में पैरालिंपिक कार्यक्रम में इसका आधिकारिक समावेश हुआ।

तब से, पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, जिसमें अधिक देश भाग ले रहे हैं और प्रतिस्पर्धा का स्तर नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। खेल के विकास को महत्वपूर्ण मील के पत्थर द्वारा चिह्नित किया गया है, जैसे कि क्वाड डिवीजन की शुरूआत, जो सभी चार अंगों में विकलांग एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है।

व्हीलचेयर टेनिस के नियम

जबकि व्हीलचेयर टेनिस सक्षम टेनिस के साथ कई समानताएं साझा करता है, ऐसे प्रमुख अंतर हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं। सबसे उल्लेखनीय अंतर “दो-बाउंस नियम” है, जो गेंद को वापस लौटने से पहले दो बार उछलने की अनुमति देता है, जबकि दूसरी उछाल कोर्ट की सीमाओं के बाहर होने की अनुमति है। व्हीलचेयर एथलीटों द्वारा सामना की जाने वाली गतिशीलता चुनौतियों को देखते हुए, यह नियम अनुकूलन महत्वपूर्ण है।

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस के संदर्भ में, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट वर्गीकरण हैं। एथलीटों को उनकी शारीरिक अक्षमताओं की सीमा के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें दो मुख्य डिवीजन होते हैं: ओपन डिवीजन, निचले अंगों की अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए, और क्वाड डिवीजन, सभी चार अंगों में अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए। ये वर्गीकरण सुनिश्चित करते हैं कि एथलीट एक समान खेल मैदान पर प्रतिस्पर्धा करें, जिसमें केवल शारीरिक क्षमता के बजाय कौशल और रणनीति पर प्रकाश डाला जाए।

व्हीलचेयर टेनिस और लैंगिक समानता

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस सिर्फ़ एथलेटिक उत्कृष्टता के लिए एक मंच नहीं है; यह खेलों में लैंगिक समानता का एक मज़बूत समर्थक भी है। पुरुष और महिला दोनों ही उच्चतम स्तरों पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, उन्हें समान मान्यता और सफलता के अवसर मिलते हैं। पैरालिंपिक खेल सुनिश्चित करते हैं कि पुरुष और महिला एथलीटों के प्रतिनिधित्व में कोई असमानता न हो, जो समावेशिता और निष्पक्षता के संदेश को बढ़ावा देता है।

नीदरलैंड की डाइडे डी ग्रूट और जापान की यूई कामीजी जैसी प्रमुख महिला एथलीट इस खेल में अग्रणी बन गई हैं, उन्होंने रिकॉर्ड बनाए हैं और महिला व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को प्रेरित किया है। उनके योगदान ने व्हीलचेयर टेनिस में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने में मदद की है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि यह खेल पैरालिंपिक आंदोलन में लैंगिक समानता का प्रतीक बना रहेगा।

व्हीलचेयर टेनिस में पैरालिंपिक भावना

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस के हर मैच में पैरालिंपिक भावना दिखाई देती है। इस भावना की विशेषता लचीलापन, दृढ़ संकल्प और चुनौतियों पर विजय पाने की इच्छा है – ऐसे गुण जो प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों की कहानियों में स्पष्ट हैं। इनमें से कई एथलीटों ने जीवन बदलने वाली चोटों या जन्मजात स्थितियों सहित महत्वपूर्ण प्रतिकूलताओं का सामना किया है, फिर भी वे अपने खेल में दुनिया के शीर्ष प्रतियोगियों में से कुछ बन गए हैं।

पैरालंपिक भावना केवल पदक जीतने के बारे में नहीं है; यह यात्रा, प्रयास और इन एथलीटों का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में है। पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ी कड़ी मेहनत और दृढ़ता के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है, इसके शक्तिशाली उदाहरण के रूप में कार्य करते हैं, जो दूसरों को उनका सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं। चाहे वह जीत का रोमांच हो या हार में सीखे गए सबक, पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस साहस, दृढ़ संकल्प और समानता के मूल मूल्यों का प्रतीक है।

व्हीलचेयर टेनिस एथलीटों के सामने आने वाली चुनौतियाँ

पैरालंपिक में व्हीलचेयर टेनिस में प्रतिस्पर्धा करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, और एथलीटों को कोर्ट के अंदर और बाहर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शारीरिक रूप से, इस खेल में उच्च स्तर की सहनशक्ति, शक्ति और चपलता की आवश्यकता होती है। एथलीटों को अपनी शारीरिक स्थिति को सर्वोच्च बनाए रखना चाहिए, जिसके लिए अक्सर उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष प्रशिक्षण व्यवस्था की आवश्यकता होती है। मानसिक रूप से, प्रतिस्पर्धा का दबाव तीव्र हो सकता है। एथलीटों को वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मानसिक दृढ़ता विकसित करनी चाहिए। प्रशिक्षण, प्रतिस्पर्धा और चोटों से निपटने की मनोवैज्ञानिक मांगें भारी पड़ सकती हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सहायता एथलीट की तैयारी का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाती है। संसाधनों तक पहुँच एक और महत्वपूर्ण चुनौती है। जबकि कुछ देश अपने पैरालंपिक एथलीटों के लिए मजबूत समर्थन प्रदान करते हैं, अन्य में आवश्यक धन और बुनियादी ढाँचे की कमी हो सकती है। यह असमानता प्रशिक्षण की गुणवत्ता, शीर्ष-स्तरीय उपकरणों तक पहुँच और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करने के अवसरों को प्रभावित कर सकती है। इन चुनौतियों के बावजूद, एथलीट खेल के प्रति अपने जुनून और सफल होने की इच्छा से प्रेरित होकर सीमाओं को आगे बढ़ाते रहते हैं। पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस का भविष्य पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस का भविष्य आशाजनक दिखता है, क्योंकि इस खेल की लोकप्रियता और प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे ज़्यादा से ज़्यादा देश अपने पैरालंपिक कार्यक्रमों में निवेश करेंगे और आम जनता इस खेल के बारे में ज़्यादा जागरूक होगी, प्रतिस्पर्धा का स्तर और भी बढ़ने की उम्मीद है।

तकनीक, प्रशिक्षण विधियों और उपकरणों में नवाचारों से खेल को आकार मिलना जारी रहेगा, जिससे एथलीट अपने प्रदर्शन में नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे। इसके अलावा, समावेशिता और सुलभता बढ़ाने के प्रयासों से यह सुनिश्चित होगा कि व्हीलचेयर टेनिस पैरालंपिक खेलों का एक प्रमुख घटक बना रहे, जिससे एथलीटों की भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिले।

खेल के शासी निकाय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी व्हीलचेयर टेनिस को बढ़ावा देने, ज़्यादा से ज़्यादा कार्यक्रम आयोजित करने और युवा एथलीटों के लिए खेल में प्रवेश करने के रास्ते बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। निरंतर समर्थन के साथ, व्हीलचेयर टेनिस नए दर्शकों तक पहुँचने और विकलांग एथलीटों की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में अपनी विरासत को जारी रखने के लिए तैयार है।

व्हीलचेयर टेनिस का समर्थन कैसे करें

पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस का समर्थन करना केवल खेलों के दौरान एथलीटों का उत्साह बढ़ाने के बारे में नहीं है; यह पूरे वर्ष खेल के विकास और विकास में योगदान देने के बारे में है। प्रशंसक और समर्थक कई तरीकों से इसमें शामिल हो सकते हैं:

इवेंट में भाग लें: पैरालिंपिक या अन्य टूर्नामेंट में व्हीलचेयर टेनिस मैच लाइव देखना, एथलीटों के लिए एक सहायक माहौल बनाने में मदद करता है और खेल को बढ़ावा देता है।

फ़ॉलो करें और शेयर करें: सोशल मीडिया पर व्हीलचेयर टेनिस एथलीटों को फ़ॉलो करना और उनकी कहानियाँ शेयर करना खेल की दृश्यता बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह बदले में, अधिक प्रायोजकों और मीडिया कवरेज को आकर्षित करता है।

स्वयंसेवक: कई व्हीलचेयर टेनिस इवेंट संगठन, पहुँच और रसद में मदद के लिए स्वयंसेवकों पर निर्भर करते हैं। इन इवेंट में स्वयंसेवक बनना खेल का समर्थन करने और पैरालिंपिक आंदोलन में शामिल होने का एक शानदार तरीका है।

दान करें: व्हीलचेयर टेनिस को बढ़ावा देने वाले संगठनों, जैसे कि स्थानीय क्लब या अंतर्राष्ट्रीय निकायों का समर्थन करना, महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। दान से एथलीटों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों, उपकरणों की खरीद और यात्रा व्यय को निधि देने में मदद मिल सकती है।

समावेश को बढ़ावा दें: स्कूलों और समुदायों में अधिक समावेशी खेल कार्यक्रमों की वकालत करना सुनिश्चित करता है कि विकलांग लोगों को कम उम्र से ही व्हीलचेयर टेनिस जैसे खेलों में भाग लेने का अवसर मिले।

Conclusion

2024 में पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस एक रोमांचक और प्रेरक आयोजन होने का वादा करता है, जो दुनिया भर के एथलीटों की अविश्वसनीय प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है। जैसे-जैसे खेल विकसित होता जा रहा है, यह दृढ़ता और अडिग मानवीय भावना के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है, इसका एक शक्तिशाली प्रतीक बना हुआ है।

2024 पैरालिंपिक न केवल नए चैंपियन का ताज पहनाएगा, बल्कि बाधाओं को तोड़ना, समावेशिता को बढ़ावा देना और एथलीटों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना जारी रखेगा। प्रशंसकों, समर्थकों और अधिवक्ताओं के रूप में, हम सभी को व्हीलचेयर टेनिस के विकास और सफलता में भूमिका निभानी है। चाहे कार्यक्रमों में भाग लेकर, एथलीटों का समर्थन करके, या अपने समुदायों में खेल को बढ़ावा देकर, हम पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेनिस की निरंतर सफलता और दृश्यता में योगदान दे सकते हैं।

FAQ:-

Q व्हीलचेयर टेनिस और नियमित टेनिस के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?

मुख्य अंतर “दो-बाउंस नियम” है, जो व्हीलचेयर टेनिस में गेंद को वापस किए जाने से पहले दो बार उछलने की अनुमति देता है। दूसरी उछाल कोर्ट की सीमाओं के बाहर हो सकती है। यह नियम व्हीलचेयर एथलीटों द्वारा सामना की जाने वाली गतिशीलता चुनौतियों के अनुसार खेल को अनुकूलित करता है।

Q व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ियों को कैसे वर्गीकृत किया जाता है?

एथलीटों को दो मुख्य डिवीजनों में वर्गीकृत किया जाता है: ओपन डिवीजन, निचले अंगों की विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए, और क्वाड डिवीजन, सभी चार अंगों में विकलांगता वाले लोगों के लिए। ये वर्गीकरण निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हैं।

Q 2024 पैरालिंपिक के लिए व्हीलचेयर टेनिस में शीर्ष दावेदार कौन हैं?

शीर्ष दावेदारों में ग्रेट ब्रिटेन से अल्फी हेवेट और गॉर्डन रीड, नीदरलैंड से डाइडे डी ग्रूट और जापान से शिंगो कुनीडा शामिल हैं। इन एथलीटों के 2024 में पदक जीतने की प्रबल दावेदार होने की उम्मीद है। व्हीलचेयर टेनिस में तकनीक की क्या भूमिका है? व्हीलचेयर के डिज़ाइन को बेहतर बनाने, उन्हें हल्का और ज़्यादा चलने योग्य बनाने में तकनीक की अहम भूमिका है। डेटा एनालिटिक्स जैसे उपकरणों और प्रशिक्षण विधियों में प्रगति ने भी एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर बनाया है। मैं व्हीलचेयर टेनिस और पैरालिंपिक एथलीटों का समर्थन कैसे कर सकता हूँ? आप इवेंट में भाग लेकर, सोशल मीडिया पर एथलीटों को फ़ॉलो करके, टूर्नामेंट में स्वयंसेवा करके, संबंधित संगठनों को दान देकर और अपने समुदाय के भीतर खेल कार्यक्रमों में समावेशिता को बढ़ावा देकर समर्थन कर सकते हैं।

Q व्हीलचेयर टेनिस में तकनीक की क्या भूमिका है?

व्हीलचेयर के डिज़ाइन को बेहतर बनाने, उन्हें हल्का और ज़्यादा चलने लायक बनाने में तकनीक की अहम भूमिका है। डेटा एनालिटिक्स जैसे उपकरणों और प्रशिक्षण विधियों में प्रगति ने भी एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर बनाया है।

Q मैं व्हीलचेयर टेनिस और पैरालिंपिक एथलीटों का समर्थन कैसे कर सकता हूँ?

आप इवेंट में भाग लेकर, सोशल मीडिया पर एथलीटों को फ़ॉलो करके, टूर्नामेंट में स्वयंसेवा करके, संबंधित संगठनों को दान देकर और अपने समुदाय के भीतर खेल कार्यक्रमों में समावेशिता को बढ़ावा देकर समर्थन कर सकते हैं।