Chandigarh Mayor Election: मेयर चुनाव विवाद में आज होगी हाईकोर्ट में सुनवाई, बीजेपी की जीत पर मचा घमासान.

Chandigarh Mayor Election: मेयर चुनाव विवाद में आज होगी हाईकोर्ट में सुनवाई, बीजेपी की जीत पर मचा घमासान.

Chandigarh Mayor Election:

 

चंडीगढ़ में मंगलवार को हु Chandigarh Mayor Election:  में बड़ा उलटफेर हुआ. बीजेपी के मनोज सोनकर 16 वोटों से जीते थे. वहीं आप और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए. हार के बाद गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप टीटा हाई कोर्ट पहुंचे थे और चुनाव रद्द कर दोबारा कराने की याचिका दायर की थी.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ कर बीजेपी प्रत्याशी के जीतने के आरोप पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. याचिका में कहा गया कि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होने के बावजूद पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर मतगणना के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया।

याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने, चुनाव से जुड़े पूरे रिकॉर्ड को सील करने, मेयर के पद संभालने पर रोक लगाने, पूरी चुनाव प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच कराने और निगरानी में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई है. उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की। निर्देश जारी करने की अपील की गई है.

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव का मामला एक बार फिर विवादों में आ गया है और मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव रद्द करने की मांग की है. है।

याचिका में बताया गया कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 30 जनवरी को होने थे. तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार को चुनाव भी हुए, लेकिन मेयर चुनाव में 20 में से 8 वोट पड़े कांग्रेस-आप की सीटें अवैध घोषित कर दी गईं, जिसके चलते बीजेपी उम्मीदवार को मेयर चुना गया।

याचिका में आरोप लगाया गया कि मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की, जिसके कारण उनके वोट अवैध घोषित कर दिये गये। दोपहर 2:15 बजे कुलदीप कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील गुरमिंदर सिंह ने हाई कोर्ट से आग्रह किया कि उनकी याचिका पर तुरंत सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है. हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है और बुधवार सुबह सुनवाई तय की है.

याचिका में कहा गया कि हाई कोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव कराने की प्रतिबद्धता जताई थी, फिर भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए. बीजेपी उम्मीदवार को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों में गड़बड़ी की गई. ऐसे में हाई कोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली वाली चुनाव प्रक्रिया को रद्द किया जाए और नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए.

चुनाव उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में कराया जाना चाहिए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे। चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई धांधली की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाए और चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड सील किए जाएं.

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