महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना; ठेकेदार और साझेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई दर्ज की गई

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना; ठेकेदार और साझेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई दर्ज की गई

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना;

महाराष्ट्र: शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना की जांच करेगी नौसेना;  ने कल देर रात इस मामले पर एक बयान जारी किया, जिसमें उसने कहा कि नौसेना ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तुरंत जांच के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के ढहने के मामले में स्थानीय पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और सहयोगी चेतन पाटिल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सिंधुदुर्ग पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी है। वहीं, दूसरी ओर भारतीय नौसेना ने भी इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है। नौसेना ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है। साथ ही प्रतिमा की मरम्मत और उसे पुन: स्थापित करने के लिए एक टीम की प्रतिनियुक्ति की है। बता दें कि इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था
भारतीय सेना ने देर रात इस मामले में बयान जारी किया। इसमें नौसेना ने कहा कि उसने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की तुरंत जांच के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। नौसेना ने कहा कि भारतीय नौसेना आज सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करती है, जिसका अनावरण सिंधुदुर्ग के नागरिकों के प्रति समर्पण के रूप में 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर किया गया था। बयान में आगे कहा गया है कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण की तुरंत जांच करने और प्रतिमा की जल्द से जल्द मरम्मत, और पुन: स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की नियुक्ति की है।

अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिमा मालवन स्थित राजकोट किले में दोपहर एक बजे ढही। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ प्रतिमा के ढहने के वास्तविक कारण का पता लगाएंगे। हालांकि, जिले में बीते दो-तीन दिनों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चली हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मौसम के कारण प्रतिमा अचानक ढह गई। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

विपक्ष ने की शिंदे सरकार की आलोचना

इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। राकांपा-एसपी के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखरेख नहीं की। सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया। इसने केवल कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें पीएम मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया था।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है, कमीशन लेती है और उसके अनुसार ठेके देती है।


दूसरी तरफ शिवसेना-यूबीटी के विधायक वैभव नाइक ने भी काम की कथित खराब गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है। प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों से पूछताछ होनी चाहिए।

सरकार ने दी सफाई

महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ‘‘मुझे घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि, पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उसी स्थान पर एक नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मामले को तुरंत और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।’’

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