अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक आज, जानें एजेंडा. नई दिल्ली: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो रहा है.

अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक आज, जानें एजेंडा.

रामलला के अभिषेक को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

नई दिल्ली: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो रहा है. रामलला के अभिषेक को लेकर आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक होगी, जिसमें 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन और रामलला के अभिषेक की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा होगी. बताया जा रहा है कि इस अहम बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी 15 सदस्यों को बुलाया गया है.

इतना ही नहीं, इस बैठक के अगले ही दिन यानी 29 दिसंबर को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक और अहम बैठक होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि गर्भगृह में रामलला की कौन सी मूर्ति स्थापित की जाए. बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की इस मूर्ति की पूजा की जाएगी. ट्रस्ट के कुछ सदस्यों का मानना है कि भगवान राम की मूर्ति के चयन के लिए वोटिंग प्रक्रिया अपनाई जा सकती है. वहीं, कुछ सदस्यों का कहना है कि इसके लिए आम सहमति बनाने पर जोर दिया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि भगवान रामलला की मूर्ति 51 इंच ऊंची है और तीन मूर्तियां एक ही तरह से बनाई गई हैं. भगवान राम के गर्भगृह के लिए किसी एक मूर्ति का चयन करना होगा. इस पर कल यानी 29 तारीख को फैसला हो सकता है. आपको बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा, जबकि रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसके लिए शुभ समय भी निर्धारित किया गया है।

अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी

आपको बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया चल रही है. पहला, 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित अयोध्या दौरे से पहले योगी सरकार द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के महत्वपूर्ण प्रसंगों का आकर्षक चित्रण करने की दिशा में किए जा रहे प्रयास तेज किए जा रहे हैं. सरकारी बयान में कहा गया है कि यूपी की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ राज्य के आध्यात्मिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार रामनगरी अयोध्या को सजाने-संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. एक भव्य रूप.