अमेरिका में राहुल गांधी ऐसा क्या कह रहे हैं कि बीजेपी जवाब देने उतर आई है

अमेरिका में राहुल गांधी ऐसा क्या कह रहे हैं कि बीजेपी जवाब देने उतर आई है
अमेरिका में राहुल गांधी ऐसा क्या कह रहे हैं

अमेरिका में राहुल गांधी ऐसा क्या कह रहे हैं

अमेरिका दौरे पर गए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इन कार्यक्रमों में उनके बयान लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं और इस पर सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के बयान भी आ रहे हैं।

टेक्सास में उनके दिए गए बयान की काफ़ी चर्चाएं थीं जिस पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और गिरिराज सिंह ने जवाब दिया था.

अब वॉशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी के दिए गए बयानों पर भी हंगामा खड़ा हो गया है. इन बयानों का जवाब देने के लिए बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और पार्टी नेता जगदंबिका पाल सामने आए हैं.

वॉशिंगटन डीसी में इंडियन ओवरसीस कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि वो संसद में प्रधानमंत्री (मोदी) को सामने से देखते हैं और कह सकते हैं कि ‘56 इंच, भगवान से सीधे संपर्क जैसे मोदी के आइडिया अब सब जा चुके हैं और ये अब इतिहास बन चुके हैं.’

इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा ने बीते सप्ताह समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि विपक्ष के नेता अमेरिका किसी आधिकारिक हैसियत से नहीं बल्कि ‘व्यक्तिगत तौर’ पर आ रहे हैं.

प्रेस क्लब में हुए सवालों पर राहुल गांधी के जवाब …

  • भारत की राजनीति पर : 2014 से लेकर अब तक भारत में राजनीति नाटकीय रूप से बदल गई है। हम ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जो हमने भारत में पहले कभी नहीं देखा था। यह आक्रामक, हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की नींव पर हमला है।
  • देश में जारी आरक्षण पर : भारत का 90% हिस्सा या तो आदिवासी, निचली जाति, दलित या अल्पसंख्यक हैं। सरकार, विभिन्न संस्थानों और मीडिया में उनकी भागीदारी की कमी है। हम जाति जनगणना की तरह ही वास्तविकता सामने लाने के लिए भारत में एक सर्वेक्षण का प्रस्ताव रख रहे हैं।
  • जाति जनगणना पर : मेरे और INDIA गठबंधन के लिए सवाल यह है, क्या भारत निष्पक्ष है? हम कई सालों से आजाद हैं, लेकिन हम असल में कितनी दूर आ गए हैं? जाति का विचार अभी भी जिंदा है। हम भारत में निष्पक्षता पर डेटा चाहते हैं, और एक बार डेटा आने के बाद, हम असंतुलन को ठीक करने के लिए नीतियां प्रस्तावित कर सकते हैं।
  • आरक्षण वाले बयान के विवाद पर : हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। जो हो रहा है उसे ठीक करने के लिए नीतियां बनाकर लागू करना चाहते हैं, जिसमें आरक्षण भी एक है। किसी ने मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। हम आरक्षण को 50% से आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
  • भारत में चीन के बढ़ते कब्जे पर : चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा कर रखा है। यह एक आपदा है। मीडिया इसके बारे में लिखना पसंद नहीं करता। अमेरिका कैसे रिएक्ट करता, क्या राष्ट्रपति यह कहकर बच जाते मामला अच्छी तरह से संभाला है? मोदी चीन को नहीं संभाल पा रहे हैं।
  • चीन की बढ़ती शक्ति पर : पहले पश्चिमी देश, अमेरिका, यूरोप और भारत उत्पादक हुआ करते थे, लेकिन फिर हमने उत्पादन बंद करने का फैसला किया और इसे चीन को सौंप दिया। भारत जैसे देश के लिए, मैन्युफैक्चरिंग की उपेक्षा और सर्विस को बढ़ावा देने का मतलब है कि भारत अपने लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान नहीं कर सकता।
  • भारत अमेरिका संबंधों पर : मुझे नहीं लगता कि इंडियन पॉलिसी पर ट्रंप या कमला हैरिस में बहुत ज्यादा मतभेद होंगे। दोनों देशों के बीच संबंधों को दोनों तरफ से बुनियादी तौर पर स्वीकार किया जाता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर मोदी से कोई ज्यादा मतभेद होगा, लेकिन मैं पूरी तरह गलत भी हो सकता हूं।
  • भारत जोड़ो यात्राओं पर : हमें राजनीतिक यात्रा निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लोकतंत्र में कुछ भी काम नहीं कर रहा था। हम गए और यह काम कर गया। पर्सनली मैं हमेशा से ऐसा करना चाहता था। बचपन से ही सोचता था कि मुझे अपने जीवन के किसी मोड़ पर अपने देश में घूमना चाहिए और देखना चाहिए कि यह क्या है।
  • कानूनी मामलों पर : चुनाव के दौरान हमारे पास कोई पैसा नहीं था। हमारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए थे। भारतीय इतिहास में, मैं मानहानि के लिए जेल की सजा पाने वाला एकमात्र व्यक्ति हूं, मेरे खिलाफ 20 मामले हैं। हमारे पास एक मुख्यमंत्री है जो अभी जेल में है।

आरक्षण पर दिए बयान से देश में मचा बवाल इससे पहले राहुल ने मंगलवार को जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में आरक्षण खत्म करने के सवाल पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे।

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